जैसलमेर । विश्व कविता दिवस 21 मार्च के उपलक्ष मे राजकीय सार्वजनिक जिला पुस्तकालय,जैसलमेर के सभागार में काव्य गोष्ठी का आयोजन वरिष्ठ साहित्यकार दीनदयाल ओझा की अध्यक्षता में किया गया । सर्वप्रथम मां सरस्वती की अराधना कर दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया गया। पुस्तकालयाध्यक्ष आनन्द कुमार चौहान ने सभी आगन्तुकों का स्वागत किया ।
इस अवसर पर दीनदयाल ओझा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कवि की व्याख्या की व कवि की महत्ता बताई एंव मीरा तेरे जागते ही जगत चेतन हो जाये कविता सुनाई। मांगीलाल सेवक ने ये हवा, हवा है ये थार की कोमलबहार की इसमें आतर खुशबु सरसों और ग्वार की कविता सुनाई । नन्दकिशोर दवे ने हवाओं के है रूप हजार कविता सुनाई । गिरधर भटिया ने दोहे उंची उठी इमारतें राक्ष सा धर रूप । मेरे हिस्सेकी सभी निगल रही है धुप कविताऐं सुनाई । श्रीवल्लभ पुरोहित ने प्रीत की नदिया मीठे जल स्तर की नदिया मांगती प्यार भरा अटल विश्चास कविता सुनाई । आनन्द जगाणी ने नेताओं की महिमा सिखरणी छंद सुनाई । ओमप्रकाश भाटिया ने आज बस दिशाओं की बाजुओं में कैद है हवाऐं की ये है कविता सुनाई । मणीकम ने इस अवसर पर कहा की कविता दिवस मनाने की जरूरत नहीं है यह दिल से निकलनी चाहिए ।
इस अवसर पर मोतीलाल प्रजापत, मोहनलाल पुरोहित, ब्रजकिशोर गोपा, मोतीलाल, शिवरतन पुरोहित, राकेश कुमार, रामावतार, चन्द्रभान खत्री, मोहनसिंह, धर्मेन्द्र कुमावत आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मांगीलाल सेवक ने किया । पुस्तकालयाध्यक्ष आनन्द कुमार चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
इस अवसर पर दीनदयाल ओझा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन मे कवि की व्याख्या की व कवि की महत्ता बताई एंव मीरा तेरे जागते ही जगत चेतन हो जाये कविता सुनाई। मांगीलाल सेवक ने ये हवा, हवा है ये थार की कोमलबहार की इसमें आतर खुशबु सरसों और ग्वार की कविता सुनाई । नन्दकिशोर दवे ने हवाओं के है रूप हजार कविता सुनाई । गिरधर भटिया ने दोहे उंची उठी इमारतें राक्ष सा धर रूप । मेरे हिस्सेकी सभी निगल रही है धुप कविताऐं सुनाई । श्रीवल्लभ पुरोहित ने प्रीत की नदिया मीठे जल स्तर की नदिया मांगती प्यार भरा अटल विश्चास कविता सुनाई । आनन्द जगाणी ने नेताओं की महिमा सिखरणी छंद सुनाई । ओमप्रकाश भाटिया ने आज बस दिशाओं की बाजुओं में कैद है हवाऐं की ये है कविता सुनाई । मणीकम ने इस अवसर पर कहा की कविता दिवस मनाने की जरूरत नहीं है यह दिल से निकलनी चाहिए ।
इस अवसर पर मोतीलाल प्रजापत, मोहनलाल पुरोहित, ब्रजकिशोर गोपा, मोतीलाल, शिवरतन पुरोहित, राकेश कुमार, रामावतार, चन्द्रभान खत्री, मोहनसिंह, धर्मेन्द्र कुमावत आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन मांगीलाल सेवक ने किया । पुस्तकालयाध्यक्ष आनन्द कुमार चौहान ने धन्यवाद ज्ञापित किया ।
विश्व कविता दिवस पर काव्य गोष्ठी
Reviewed by wadhwani news
on
March 22, 2018
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