जैसलमेर । चेंजिंग वेदर का डोज इन दिनों जिलेवासियों पर भारी पड़ रहा है। लोग वायरल फीवर और खांसी के शिकार हो रहे हैं। जो खांसी आम दिनों में पहले पांच से सात दिन में ठीक हो जाती थी, वह इन दिनों 15 दिन से एक महीने से भी ज्यादा समय तक लोगों को परेशान कर रही है। डॉक्टरों का कहना है कि बदलते मौसम में वायरल फीवर, ब्रोंकाइटिस, खांसी, सर्दी, जुकाम के साथ-साथ आई फ्लू और चिकनपॉक्स के मामले आ रहे हैं।
फीजीसियन डॉक्टर संजय व्यास के अनुसार जब भी मौसम बदलता है तो वायरस स्ट्रॉन्ग हो जाता है। इसकी वजह से वायरल फीवर और खांसी होती है। पांच से सात दिन तक चलने वाली खांसी 15 से 30 तक अधिकांश लोगों में देखी जा रही है । खांसी लंबी चलने की वजह वायरस का म्यूटेड होना है, इससे ह्यूमन पावर कमजोर हो रही है और वायरस स्ट्रॉन्ग हो रहा है।
डॉक्टर व्यास ने बताया कि दिन और रात के तापमान में बदलाव को तत्काल हमारा शरीर खुद को ढाल नहीं पाता है, जिसकी वजह से फिजियोलॉजिकल स्ट्रेस बढ़ता है। बॉडी में तरल पदार्थों की कमी के कारण डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों की ऐंठन और थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। वायरल इंफेक्शन के सबसे शुरुआती पहचान अक्सर थकान और शरीर में दर्द होना है। ज्यादातर मामलों में बुखार के साथ सांस से संबंधी लक्षण भी होते हैं जैसे गले में सूजन, जुकाम, नाक में जकड़न और आंखों का लाल होना। कुछ मामलों में उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। चिकित्सकीय सलाह अनुसार इस स्थिति में काफी मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
डॉक्टर व्यास का कहना है कि बुजुर्ग और बच्चों में खांसी लंबी खीच रही है, क्योंकि इनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। अभी कुछ लोगों में निमोनिया भी पाया जा रहा है। डॉक्टर व्यास ने बताया कि इसके साथ साथ अभी चिकनपॉक्स के मामले भी काफी बढ़े हुए हैं, कई मरीजों में यह देखा जा रहा है। खासकर छोटे बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है।
फीजीसियन डॉक्टर संजय व्यास के अनुसार जब भी मौसम बदलता है तो वायरस स्ट्रॉन्ग हो जाता है। इसकी वजह से वायरल फीवर और खांसी होती है। पांच से सात दिन तक चलने वाली खांसी 15 से 30 तक अधिकांश लोगों में देखी जा रही है । खांसी लंबी चलने की वजह वायरस का म्यूटेड होना है, इससे ह्यूमन पावर कमजोर हो रही है और वायरस स्ट्रॉन्ग हो रहा है।
डॉक्टर व्यास ने बताया कि दिन और रात के तापमान में बदलाव को तत्काल हमारा शरीर खुद को ढाल नहीं पाता है, जिसकी वजह से फिजियोलॉजिकल स्ट्रेस बढ़ता है। बॉडी में तरल पदार्थों की कमी के कारण डिहाइड्रेशन, मांसपेशियों की ऐंठन और थकान जैसी समस्याएं होने लगती हैं। वायरल इंफेक्शन के सबसे शुरुआती पहचान अक्सर थकान और शरीर में दर्द होना है। ज्यादातर मामलों में बुखार के साथ सांस से संबंधी लक्षण भी होते हैं जैसे गले में सूजन, जुकाम, नाक में जकड़न और आंखों का लाल होना। कुछ मामलों में उल्टी और दस्त भी हो सकते हैं। चिकित्सकीय सलाह अनुसार इस स्थिति में काफी मात्रा में तरल पदार्थों का सेवन करें।
डॉक्टर व्यास का कहना है कि बुजुर्ग और बच्चों में खांसी लंबी खीच रही है, क्योंकि इनकी इम्यून सिस्टम कमजोर होता है। अभी कुछ लोगों में निमोनिया भी पाया जा रहा है। डॉक्टर व्यास ने बताया कि इसके साथ साथ अभी चिकनपॉक्स के मामले भी काफी बढ़े हुए हैं, कई मरीजों में यह देखा जा रहा है। खासकर छोटे बच्चों में यह तेजी से फैल रहा है।
बॉडी का सिस्टम बिगाड़ रहा है बदलता मौसम
Reviewed by wadhwani news
on
March 15, 2018
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