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चमत्कारिक है गजटेड हनुमानजी का मन्दिर

।। जय गजेटेड हनुमानजी नमः।।

निज मन्दिर में सदियों पुरानी है गजटेड हनुमानजी की प्रतिमा 

जैसलमेर । शहर में बिजलीघर स्थित गजेटेड हनुमानजी का मंदिर चमत्कारिक है । यहां सदियों पुरानी हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित है ।

हनुमानजी की पांच फीट की भव्य मूर्ति सदियों पुरानी बताई जाती है, जिस स्थान पर मन्दिर बना है वहां पहले घना जंगल था जहां इस प्राचीन मूर्ति की तपस्वियों और सिद्ध संतो द्वारा एकान्त सेवा के साथ ही पूजा अर्चना की जाती रही है। षहर का विस्तार होने से हनुमान भक्तों का ध्यान इस ओर गया। बाद में मंदिर बनाया गया जो अब लगातार विस्तार पाता जा रहा है मंदिर के गर्भग्रह में हनुमानजी के सम्मुख पिछले ढाई दषक से अखण्ड दीपक जल रहा है। निज मंदिर के द्वार के समीप गोवर्धन (षिलालेख स्तंभ) है जिससे इस क्षेत्र की प्राचीनता का बोध होता है। हिंदुस्तान का यह पहला हनुमान मंदिर है जिसमें विराजित हनुमानजी महाराज गजटेड यानि राजपत्रित हैं। भक्तों की गजटेड हनुमान पर अटूट आस्था है। भक्तों का मानना है कि गजटेड हनुमानजी के यहां से कोई अर्जी खाली नहीं जाती है।

हनुमान जयन्ति महोत्सव 

चैत्र पूर्णिमा के दिन श्री हनुमान जयन्ति महोत्सव मनाया जाता है जिसमें निम्न कार्यक्रम होते है
जैसे 24 घंटे अखण्ड रामायण का पाठ किया जाता है

पूर्णिमा को प्रातः जैसलमेर शहर में भव्य शोभा यात्रा निकाली जाती है जिसमें कलष से सुसज्जित कन्याएं आगे-आगे चलती है एवं उनके पीछे 21 तरह की झांकिया निकाली जाती है एवं उनके पीछे श्री हनुमानजी एवं राम दरबार की झांकी फूलों एवं पुष्प मालाओं से सुसज्जित बहुत ही मनमोहक लगती है। रात्रि के समय सम्पूर्ण रात्रि सत्संग एवं भजन संध्या का आयोजन होता है जिसमें कई प्रसिद्ध भजन गायकों द्वारा मनोरम प्रस्तुतिया दी जाती है। सांय कालिन महा प्रसादी का आयोजन होता है जिसमें हजारों की संख्या में भक्तजन एवं श्रृद्धालु महाप्रसादी का लाभ लेते है।

छप्पन भोग का आयोजन 

प्रतिवर्ष 07 जुलाई को राम दरबार की स्थापना दिवस के उपलक्ष में भव्य छप्पन भोग का आयोजन किया जाता है एवं इस दिन प्रसादी का आयोजन भी किया जाता है।

राम नवमी 

श्री राम जयन्ति राम नवमी के दिन सून्दर काण्ड पाठ, भव्य श्रृंगार एवं महाप्रसादी का आयोजन।
मंगलवार एवं शनिवार विषेष :- प्रति मंगलवार एवं शनिवार के दिन की शुरूवात होते ही भारी संख्या में भक्तजन मंदिर पंहुचने लगते है इन दोनों दिनों में पूरे दिन भारी संख्या में भक्तों का आना जाना लगा रहता है। प्रति मंगलवार एवं शनिवार को रात्रि के समय सुन्दर काण्ड का आयोजन किया जाता है जिसमें कई भक्त व श्रृद्धालु सुन्दर काण्ड का श्रवण करने आते है। मंगलवार को सुन्दर काण्ड पाठ को लगभग 31 वर्ष हो गये है जो निरंतर जारी है।

दीपमाला 

मंदिर में प्रतिवर्ष दीपावली, देव उठनी ग्यारस एवं कार्तिक पूर्णिमां (11000 दीपक) को भव्य दीपमाला सज्जाई जाती है।

सरकारी नुमाइन्दों ने बनाया गजटेड

यहां के हनुमानी को गजटेड क्यों कहा जाता है और वे गजटेड कब बने, इसका कोई धार्मिक या शास्त्रीय प्रमाण तो नही मिलता लेकिन माना जाता है कि ज्यादातर सरकारी लोगों की आवाजाही तथा चमत्कारिक प्रतिमा की वजह से उन्हें यह नाम मिला। गजटेड होने की वजह से खासकर राज-काज से जुड़े कामों में हनुमानजी विषेष मदद करते हैं। हनुमान मंदिर में पिछले 34 बरस से पूजा करते आ रहे प्रधान पुजारी किषनलाल शर्मा के अनुसार यहां बड़े-बड़े अफसरों की श्रद्धा को देख इसे गजटेड हनुमान नाम दे दिया, तभी से यहा नाम चल निकला है। हनुमान उपासक कई गजटेड अधिकारी यहां नियमित रूप से दर्षन करने के लिए आते रहते है। तबादला पदोन्नति औ नौकरी से जुड़ी अधिकारियों-कर्मचारियों की मनोकामना पूर्ति के लिए मषहूर होने से भी इन्हे अफसरों का अफसर अर्थात गजटेड हनुमानजी का नाम दे दिया गया।

कृपा बरसाते राम-लक्ष्मण-जानकी 

गजटेड हनुमान मंदिर परिसर में ही राम मंदिर बना हुआ है जिसमें भगवान श्रीराम, भगवती सीता तथा लक्ष्मण की श्वेत पाषाण से बनी मनोहारी मूर्तियां है जिनके सम्मुख विनय मुद्रा में बैठे हुए हनुमानजी की आकर्षक मूर्ति है। कई भक्त ऐसे है जो अपने दिन की शुरूआत गजटेड हनुमान मंदिर में दर्षनों से ही करते है। हनुमानजी, भैरव तथा राम दरबार के दर्षन के बाद ही दिनचर्या की शुरूआत करते है।

नींव से निकली भैरव प्रतिमा

मंदिर में प्रवेष करते ही बायीं और पीछे की तरफ पौन फिट की भैरवमूर्ति है जिसके पास अखण्ड दीपक प्रज्जवलित है। भैरव की यह प्राचीन मूर्ति शहर में किसी सेठ के घर की नींव खोदते वक्त निकली थी जिसे यहां लाकर प्रतिष्ठित किया गया है। यहीं एक्वेरियम में श्री राम सेतु की पानी में तैर रही एक षिला भी आने वाले भक्तों के आकर्षण का केन्द्र है।

बीड़े वाले बालाजी

श्री गजटेड हनुमानजी को बीड़े वाले बालाजी के नाम से भी जाना जाता है इनके भक्त इनको पान भी चढ़ाते है यह भारत में पहला मन्दिर है जहां पर हनुमानजी को पान चढ़ाया जाता है।

मन्दिर प्रांगण में नित्य की जाने वाली प्रार्थनायें

श्री गजटेड बालाजी मन्दिर में नित्यप्रति की जाने वाली उपासना से सम्बन्धित स्तुतियों में प्रातःकाल 4 बजे पुजारीगण उठ जाते है और नगारा बजाते है फिर स्नान आदि नित्यकर्म से निवृत होकर उपासना, सेवा और पूजा-कार्य में जुट जाते है। सर्वप्रथम मन्दिर का परिमार्जन करते है साथ ही पूजा के सभी पात्रों को साफ किया जाता है। फिर जल, दुग्ध, दही, घी, शक्कर, शहद, तुलसीदल, फूल और नैवेद्य आदि पूजा का सभी सामान इक्कट्ठा करके अखण्ड ज्योति में घी डालते है। सूर्य उदय होने से पहले ही भगवान के समक्ष आरती की जाती है जो कि पुजारी द्वारा एक पांव पर खड़े होकर की जाती है। आरती के पश्चात् भोग लगाया जाता है। इसके बाद भोग भक्तो को दिया जाता है। दोपहर के समय राम दरबार के शयन के समय राम दरबार के कपाट बन्द कर दिये जाते है एवं सांय 4 बजे पुनः कपाट खोल दिये जाते है। आरती एवं स्तुति आदि का समय ऋतु के अनुसार परिवर्तित होता रहता है। प्रातः काल एवं सन्ध्याकाल में आरती के समय स्तुतियों एकत्रित जन-समूह द्वारा बोली जाती है। उस समय नगारों का नाद और घण्टा-घड़ियाल की आवाज इतनी मन पर प्रभाव डालने वाली होती है कि कई भक्तगण भावविभोर हो जाते है साथ ही जयघोष भी करते है। आरती के समय जन-समूह बहुत बड़ी संख्या में एकत्र होता है। आरती के उपरान्त लोग भगवान की परिक्रमा करते है। हर मंगलवार एवं शनिवार के दिन साज-बाज के संग भक्तगणों के द्वारा सामूहिक रूप से सुन्दर काण्ड का पाठ किया जाता है।
चमत्कारिक है गजटेड हनुमानजी का मन्दिर चमत्कारिक है गजटेड हनुमानजी का मन्दिर Reviewed by wadhwani news on March 30, 2018 Rating: 5

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