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हमारा लोकतंत्र शेष विश्व के लोकतंत्रों से अधिक मजबूत एवं टिकाऊ लोकतंत्र

— एसबीके कॉलेज में आधारभूत संकल्पना विषय पर व्याख्यान का आयोजन 

जैसलमेर । स्थानीय एसबीके राजकीय महाविद्यालय के युवा कौशल विकास प्रकोष्ठ के तत्वावधान में भारतीय संविधान की आधारभूत संकल्पना विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. जेके पुरोहित ने बताया कि काशी विद्यापीठ वाराणसी के राजनीति विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो. सतीश कुमार राव ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया । 

उन्होने कहा कि भारतीय संविधान के निर्माण में डाॅ. बीआर अम्बेडकर, जवाहरलाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ-साथ कई विद्वानों के साथ स्वंतत्रता सेनानीयों की महत्पूर्ण भूमिका है। इसमें भारतीय आदर्श, मूल्य,विचारधारा का एक लम्बा इतिहास जुडा हुआ है। इन्होने भारतीय संविधान के बुनियादी आधारों का निर्माण किया है। जिसे राजनीति दल बदलने का दुस्साहस नहीं कर सकते है। हमारे संविधानिक लोकतंत्र के चार बुनियादी आधारों में राष्ट्रवाद, लोकतंत्रवाद, धर्मनिपेक्षकता एवं समाजवाद ने पुष्ट किया है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में लोकतंत्र की जो चेतना विकसित हुई वह आज फलीभूत हो रही है। आज हमारा लोकतंत्र शेष विश्व के लोकतंत्रों से अधिक मजबूत एवं टिकाऊ लोकतंत्र है। इस उठा पटक के दौर में कई लोकतंत्र धराशाही हो गये लेकिन हमारी हस्ती मिटती नहीं ।

इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य ने कहा कि विष्व के महत्पूर्ण लोकतंत्रों में भारतीय लोकतंत्र की गिनती होती है और हमे हमारे लोकतंत्र पर गर्व है। डाॅ. अशोक तंवर ने कहा कि भारतीय संविधान की प्रस्तावना में भारत को सम्पूर्ण प्रभुत्व संपन्न लोकतांत्रिक, धर्मनिपेक्ष, समाजवादी गणराज्य का जो दर्जा दिया गया है। उससे हमारा लोकतंत्र मजबूत हुआ है।
कार्यक्रम का संचालन डाॅ. अशोक तंवर ने किया । इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के वरिष्ठ व्याख्याता डाॅ. अशोक तंवर, प्रवीण कुमार चंदेल, संजीव कुमार वर्मा, एनडी प्रजापत, राजेन्द्र प्रसाद विकास केवलिया, ललित सुथार आदि उपस्थिति रहें। 
हमारा लोकतंत्र शेष विश्व के लोकतंत्रों से अधिक मजबूत एवं टिकाऊ लोकतंत्र  हमारा लोकतंत्र शेष विश्व के लोकतंत्रों से अधिक मजबूत एवं टिकाऊ लोकतंत्र Reviewed by wadhwani news on November 07, 2017 Rating: 5

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