— इस वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 फरवरी को
जैसलमेर । जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, (जिला एवं सेशन न्यायाधीश) जैसलमेर मदनलाल भाटी के निर्देशानुसार सिविल न्यायाधीश एवं न्यायिक मजिस्ट्रेट, जैसलमेर प्रवीण चौहान द्वारा जेठवाई में राजकीय माध्यमिक विद्यालय में विधिक साक्षरता शिविर आयोजित किया गया। शिविर में सदर थाने के एएसआई केवलदास उपस्थित थे।शिविर में न्यायिक मजिस्ट्रेट चौहान ने बताया कि राजस्थान में परिक्षाओं में नकल तथा अनुचित साधनों की रोकथाम के लिए वर्ष 1992 में एक कडा कानून बनाया गया है जिसका नाम राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों पर रोक) अधिनियम है। इस अधिनियम में परीक्षा में नकल करने या कराने, अनुचित साधनों का प्रयोग करने पर तीन वर्ष तक के कारावास तथा दो हजार रूपये तक के जुर्माने का प्रावधान किया गया है। नकल करने वाले छात्र के विरूद्ध आपराधिक प्रकरण तो दर्ज किया ही जाता है, उसे विद्याालय या काॅलेज से निष्कासित भी कर दिया जाता हैं।
उन्होने कहा कि विद्यार्थी लक्ष्य प्राप्ति के लिए नकल करने के स्थान पर मेहनत करें, अपनी क्षमताओं को विकसित करें और नैतिकता के मार्ग पर चलें। उन्होने बताया कि लोक अदालत विवादों के त्वरित निस्तारण का सशक्त मंच है। लोक अदालत में ऐसे सभी राजीनामा योग्य मामले रखे जा सकते हैं जो न्यायालय के समक्ष लंबित हों या न्यायालय में पेश किए जा सकते हों। उन्होने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार इस वर्ष की प्रथम राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन 10 फरवरी को किया जाएगा। जिसमें पक्षकार राजीनामा योग्य अधिक से अधिक मामलों का निस्तारण करावें।
इसके अतिरिक्त उन्होंने बाल विवाह निषेध अधिनियम के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बाल विवाह आयोजित नहीं करने व बाल विवाह रोकने में सहयोग करने की अपील की।
शिविर में एएसआई केवलदास ने मोटर व्हीकल एक्ट के बारे में विधिक जानकारियां देते हुए बताया कि 18 वर्ष के कम उम्र के बच्चों को वाहन नहीं चलाने देवें। तथा वाहन चलाते समय हेलमेट का प्रयोग करें। सक्षम प्राधिकारी जारी वाहन चलाने का वैद्य लाईसेंस अपने साथ रखें।
शिविर के सफल संचालन में पैरालीगल वाॅलेन्टियर सज्जनभाटी, काॅन्स्टेबल प्रकाशचंद तथा जसवंतसिंह ने सक्रिय सहयोग प्रदान किया।
जेठवाई में विधिक जागरूकता शिविर आयोजित
Reviewed by wadhwani news
on
January 11, 2018
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