राज्य पशुपालक बोर्ड के अध्यक्ष गोरधन राईका ने कहा, योजनाओं का भरपूर लाभ उठावें पशुपालक
जैसलमेर । राजस्थान राज्य पशुपालक बोर्ड के अध्यक्ष गोरधन राईका (राज्यमंत्री दर्जा प्राप्त) ने अपनी जैसलमेर की यात्रा के दौरान सर्किट हाउस जैसलमेर के दौरान जनसुनवाई कार्यक्रम के तहत पशुपालकों की परिवेदनाएं एवं समस्याएं सुनी एवं उनका निराकरण करने का पूरा भरोसा दिलाया। उन्होंनें कहा कि मुख्यमंत्री ने उंट को राज्य पशु घोषित कर ऊंट संरक्षण का बेहतर कार्य किया है जिससे ऊट पालकों को बहुत बडा लाभ होगा। उन्होंने कहा कि ऊटनी के बच्चा होने पर पशुपालक को 10 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि उष्ट्र विकास योजना के तहत दी जा रही है जिसका भी वे पूरा लाभ उठावें। उन्होंने कहा कि केन्द्र एवं राज्य सरकार के पशुपालकों के उत्थान के लिए सदैव प्रयत्नशील है एवं उनके कल्याण के लिए अनेकों योजनाओं का संचालन कर उनको लाभान्वित किया जा रहा है।पशुपालक बोर्ड के अध्यक्ष राईका ने जनसुनवाई के दौरान पशुपालकों को कहा कि ऊंटनी का दूध स्वास्थ्यवर्धक है एवं इससे अनेक बीमारियों से बचा भी जा सकता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के माध्यम से जयपुर में 5 हजार लीटर ऊंटनी के दूध के लिए मिनी प्लांट की स्वीकृति प्रदान करवा दी गई है एवं 7 करोड रूपये की लागत से इस प्लांट को फरवरी 2018 तक तैयार करने की योजना है। उन्होंने बताया कि ऊंटनी के दूध को सरस बूथों पर पाउच में विक्रय करने की व्यवस्था की जाएगी, इससे ऊंट पालको को दूध की अच्छी कीमत मिलेगी एवं उनके आर्थिक स्तर में भी सुधार होगा। उन्होंने कहा कि ऊंटनी का दूध पहले फूड एक्ट में शामिल नहीं था। मुख्यमंत्री से अनुरोध करके अब इसे फूड एक्ट में शामिल कराया गया है।
जनसुनवाई के दौरान राज्य पशुपालक बोर्ड के सचिव अनिल मचिया, निजी सचिव टी.एम.खत्री, संयुक्त निदेशक पशुपालन रामजीलाल मीना, उपनिदेशक पशुपालन चावडा, समाजसेवी गुमानाराम राईका के साथ ही पशुपालक उपस्थित थें।
अध्यक्ष ने पशुपालको से आह्वान किया कि वे पशुपालकों के कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का पूरा लाभ उठावें अपने पशुओं का बीमा अवश्य करावें। उन्होंने पशुपालकों को अपने बच्चों को शिक्षा अर्जित कराने पर भी जोर दिया एवं कहा कि जब उनके बच्चे शिक्षित होंगें तो वे पशुपालन व्यवसाय को और अधिक बेहतर ढंग से संचालित करेगें। उन्होंने कहा कि जिस पंचायत का सरपंच शु चिकित्सालय के लिए भूमि आवंटन कर पट्टा जारी कर देगा तो वहां पर पशुपालकों की मांग पर पषु चिकित्सालय की स्वीकृति भी जारी करा दी जाएगी। उन्होंने जिले में ऐसी पंचायतें हो तो उसकी सूची बोर्ड को उपलब्ध करानें की बात कही।
जनसुनवाई के दौरान धोलिया के पशुपालक बगडुराम विश्नोई, सांवता के गंगासिंह, सुमेरसिंह, हमीरा के बाबूसिंह, खाभा के मूलसिंह के साथ ही अन्य पशुपालकों ने बोर्ड के अध्यक्ष को अपनी समस्याओं से संबंधित प्रार्थना पत्र पेश करते हुए बताया कि उनके नर ऊंटों को मेलों में विक्रय करने की सुविधा उपलब्ध कराने, पशुओं की बीमारी के लिए अचला, सांवता, रासला, धोलिया, सांकडा, सत्ता, सत्तों में पशु चिकित्सा केम्प लगाने, एक भामाशाह कार्ड पर 5 पशुओं के स्वास्थ्य बीमा होने की संख्या की बढोतरी कराने, गोचर भूमि का सीमांकन कराने की मांग की। बोर्ड के अध्यक्ष राईका ने संयुक्त निदेशक पशुपालक को निर्देश दिए कि वे इन गांवों में शीघ्र ही पशुचिकित्सा केम्प लगाकर पशुओं का उपचार करावें।
अध्यक्ष राईका ने पशुपालकों को बताया कि पंचायतों के माध्यम से गोचर भूमि पर लगे अग्रेंजी बबूल की सफाई कराने का भी प्रावधान करने की योजना है वहीं जिला प्रशासन के माध्यम से गोचर भूमि का सीमांकन कराने का भी विश्चसस दिलाया। उन्होंने ऊष्ट्र विकास योजना के तहत ऊंट पालकों को मिली प्रोत्साहन राशि की भी उनसे जानकारी ली तो बताया कि उन्हें प्रथम किश्त मिल गई है। बोर्ड के अध्यक्ष ने कहा कि शीघ्र ही दूसरी किश्त भी उनको उपलब्ध करा दी जाएगी। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार के माध्यम से ब्लाॅक स्तर पर पशु चिकित्सालय को अपग्रेड कराने की भी योजना प्रस्तावित है। उन्होंनें पशुपालकों को विश्वास दिलाया कि उनके उत्थान के लिए राज्य सरकार एवं बोर्ड सदैव तत्पर है।
अध्यक्ष का सर्किट हाउस पहुंचने पर गुमानाराम राईका के साथ ही बगडुराम विश्नोई, गंगासिंह एवं अन्य पशुपालकों ने माल्यार्पण कर हार्दिक स्वागत किया।
पशुपालकों की जनसुनवाई में सुनी परिवेदनाएं
Reviewed by wadhwani news
on
December 29, 2017
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