विश्व की सर्वश्रेष्ठ गणित पत्रिका में जैसलमेर के होनहार डॉ. यशोवर्धन व्यास का 31 पृष्ठों का शोध प्रपत्र प्रकाशित
जैसलमेर । जिले के होनहार डॉ. यशोवर्धन व्यास का 31 पृष्ठों का शोध प्रपत्र, “आरएसीएसएएम” नामक गणित पत्रिका में 21 दिसम्बर 2017 को प्रकाशित हुआ। उक्त गणित पत्रिका विश्व की सर्वश्रेष्ठ पत्रिका सूचकॉन्क निर्धारण संस्था “थोमसन रियुटर्स” में अंकित है तथा यह पत्रिका विश्वविख्यात प्रकाशक “स्प्रिंगर” की है। विश्व की एक सर्वश्रेष्ठ गणित पत्रिका में 31 पृष्ठों के शोध प्रपत्र का प्रकाशन, एक बड़ी उपलब्धि होने के साथ-साथ, लेखक के गणित शोध का अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृत, उल्लेखनीय एवं सराहनीय होना दर्शाता है। प्रपत्र का लिंक https://doi.org/10.1007/s13398-017-0485-5 है।
“वेरी वेलपोइज्ड हाईपर्ज्यामितिय फलनों की चिरसम्मत प्रमेयों का व्यापकीकरण” नामक शोध प्रपत्र में डॉ. यशोवर्धन व्यास नें सहलेखकों के साथ, यह दर्शाया है कि विश्वविख्यात गणितज्ञों डूग्गल, व्हिप्पल तथा बैली द्वारा खोजी गयी चिरसम्मत प्रमेयों का व्यापकीकरण किस तरह से किया जा सकता है और साथ ही प्राप्त किये गये नए प्रमेय किस तरह से विभिन्न प्रकार के और अतिरिक्त नए प्रमेय भी दे सकते हैं। अंत में, प्राप्त प्रमेयों के अनुप्रयोग के रूप में; पाई () तथा अन्य स्थिरांकों के लिए विश्वविख्यात भारतीय गणितज्ञ श्री रामानुजन के प्रारूप की श्रेणियों के लिये अनगिनत रुचिकर एवं व्यापकीकृत प्रमेयों की व्युत्पत्तीयों को भी समझाया गया है।
उक्त 31 पृष्ठों का शोध प्रपत्र, बहुत ही व्यवस्थित एवं तार्किक विधि से लिखा गया है, साथ ही इसमें दस नए प्रमुख प्रमेयों, उनकी व्युत्पत्तीयों, पच्चहत्तर जटील समीकरणों, कई सह-प्रमेयों एवं अठ्ठहत्तर सम्बध्द सन्दर्भों का भी समावेश किया गया है।
“वेरी वेलपोइज्ड हाईपर्ज्यामितिय फलनों की चिरसम्मत प्रमेयों का व्यापकीकरण” नामक शोध प्रपत्र में डॉ. यशोवर्धन व्यास नें सहलेखकों के साथ, यह दर्शाया है कि विश्वविख्यात गणितज्ञों डूग्गल, व्हिप्पल तथा बैली द्वारा खोजी गयी चिरसम्मत प्रमेयों का व्यापकीकरण किस तरह से किया जा सकता है और साथ ही प्राप्त किये गये नए प्रमेय किस तरह से विभिन्न प्रकार के और अतिरिक्त नए प्रमेय भी दे सकते हैं। अंत में, प्राप्त प्रमेयों के अनुप्रयोग के रूप में; पाई () तथा अन्य स्थिरांकों के लिए विश्वविख्यात भारतीय गणितज्ञ श्री रामानुजन के प्रारूप की श्रेणियों के लिये अनगिनत रुचिकर एवं व्यापकीकृत प्रमेयों की व्युत्पत्तीयों को भी समझाया गया है।
उक्त 31 पृष्ठों का शोध प्रपत्र, बहुत ही व्यवस्थित एवं तार्किक विधि से लिखा गया है, साथ ही इसमें दस नए प्रमुख प्रमेयों, उनकी व्युत्पत्तीयों, पच्चहत्तर जटील समीकरणों, कई सह-प्रमेयों एवं अठ्ठहत्तर सम्बध्द सन्दर्भों का भी समावेश किया गया है।
विश्व की सर्वश्रेष्ठ गणित पत्रिका में जैसलमेर के होनहार डॉ. यशोवर्धन व्यास का 31 पृष्ठों का शोध प्रपत्र प्रकाशित
Reviewed by wadhwani news
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December 25, 2017
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