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इस संस्कृति को बचाने के लिये हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है - श्यामसिंह

जैसलमेर । जिले के रासला गांव में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं द्वारा “जाग्रत हिन्दू महासंगम” के निमित ग्राम स्तर पर हिंदू सम्मेलन आयोजित किया गया जिसमें आह्वान किया गया कि इस संस्कृति को बचाने के लिये हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है।

कार्यक्रम में आरएसएस के विभाग प्रचारक श्यामसिंह ने अपने संबोधन में बताया कि हमारी संस्कृति सनातन संस्कृति है जिस पर हमें गर्व होना चाहिए इस संस्कृति को बचाने के लिये हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जिसे माँ कहा जाता है इसके अलावा दुनिया मे किसी देश को माँ नहीं कहा जाता है, जिसे हम मां कहते है उसके प्रति भी हमारा वही दायित्व है जो जन्म देने वाली मां के प्रति होती है। हम सब भारत की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर रहने वाले सजग जागरूक नागरिक है जितनी सजगता हमारी होगी उतना ही सशक्त हमारा देश रहेगा। देश, धर्म और समाज की सेवा करने का हम लोगों को जो शौभाग्य इस संगठन के कारण मिला है। आज हमारी संस्कृति पर पाश्चात्य संस्कृति हावी हो रही इस विषय पर हम जागरूक नागरिकों को सजगता दिखानी होगी।

इस धरती को अपनी माँ मानते हुए इसके संरक्षण हेतु अपने जीवन की आहुतियां दी है इसको अब संजोए रखना हमारी प्राथमिकता है देश पर जब भी संकट आया हम सब हिन्दू इस देश धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के रूप में अग्रणीय पंक्ति में खड़े नजर आए है। हिन्दू धर्म को कमजोर करने के लिये कई प्रकार की विधार्मि ताक़तें जातिवाद का जहर फैलाया जा रही है इसको हमे समझना आवश्यक है।

इस अवसर पर बजरंग दल विभाग संयोजक लालूसिंह सोढ़ा ने अपने उदबोद्धन में बताया कि हमारे जैसलमेर के भी कई लोक देवताओं ने गौमाता की रक्षार्थ अपने जीवन का दिया है ऐसे महापुरुषों के अधूरे सपनों को पूरा करना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। देश, धर्म और संस्कृति की सुरक्षा के लिये हम सब को आज के वातावरण में जागरूक रहना आवश्यक है। सम्पूर्ण देश मे धर्म विरोधी वातावरण बनाने के लिये जिस प्रकार के कदम उठाए जा रहे है वह उस देश के लिये भविष्य के लिये घातक है। हम सबको जागरूक रहकर दूषित हो रहे वातावरण को ठीक करना होगा। राष्ट्रभक्त जागरूक नागरिकों को एक होकर देश धर्म और समाज के ऊपर आने वाले संकट के लिये हमेसा तैयार रहना होगा।

जिंझनियाली में हिंदू सम्मेलन 17 नवम्बर को

जिंझनियाली की प्रोल में बैठक रखी गई जिसमें ग्रामवासियों ने हिंदू समाज पर की विकट परिष्तिथियों पर मंथन करते हुए आगामी 17 नवम्बर को दोपहर 2 बजे जिंझनियाली में विराट हिंदू सम्मेलन आयोजित किया जाएगा।

इस अवसर पर अरविंद आचार्य, राकेश जोशी, मदनसिंह भेलाणी, विक्रमसिंह, चुतरसिंह रासला, बजरंग दल के कार्यकर्ता देरावरसिंह दवाड़ा, राणसिंह दवाड़ा, हुक्मसिंह, देवीसिह, तनसिह, दुर्जंनसिह, गुलाबसिंह, जगमालसिंह, तारेंद्रसिंह, अमरसिंह, जगमालसिहं, कानाराम, भीमाराम, गोरखाराम, भलकाराम, चुतरसिहं भोपा, कानसिह, वीरमसिह स्वरुपसिंह, उम्मेदसिंह, स्वरुप, लक्ष्मणसिह, वेदपालसिह, दानसिह और कमलसिह आदि उपस्थिति थे।
इस संस्कृति को बचाने के लिये हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है - श्यामसिंह इस संस्कृति को बचाने के लिये हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है - श्यामसिंह Reviewed by wadhwani news on November 06, 2017 Rating: 5

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